Sunday, January 24, 2010

कुछ काम अभी बाकी है ...!!


हसरतों की दुनिया में मेरे ख्वाब जी उठे ,
तकदीर को बनाने में सारे रिवाज़ झूठे मिले ,
हौसलों की कमी न की मैंने ,
मुझे कुछ यार अच्छे मिले ,
जब गिरा मैं, तो उठाने वाले हाथ मिले ,
जब मायूस हुआ तो मोहब्बत के जज़्बात मिले ,
जब तोडा दुनिया ने रिश्ता तो माँ की मीठी गोद मिली ,
जब लिखना चाहा तो ग़ालिब के अल्फाज़ मिले ,
तम्मनाओं के उजालों में मंज़र की तलाश बाकी है ,
ज़िन्दगी की इस राह में आगाज़ अभी बाकी है ,
जी रहा हूँ शायद इसीलिए .. कुछ तो अरमान बाकी है ,
अभी आराम कहा ए दोस्तों , बहुत काम अभी बाकी है..|

- बेख़ौफ़

4 comments:

  1. this is wonderful......hope se bhara hua...very nice ashish sir

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  2. Few very interesting lines in this brilliant piece......ends greatly to justify the title as well as the complete linked meaning in the thought chain...

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  3. haan haan aapke signature ka autograph banana abhi baaki hai ;):P hehehehe

    Nice lines :)

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  4. mast hain bhai..... good ..keep writing :)

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