कुछ काम अभी बाकी है ...!!
हसरतों की दुनिया में मेरे ख्वाब जी उठे ,
तकदीर को बनाने में सारे रिवाज़ झूठे मिले ,
हौसलों की कमी न की मैंने ,
मुझे कुछ यार अच्छे मिले ,
जब गिरा मैं, तो उठाने वाले हाथ मिले ,
जब मायूस हुआ तो मोहब्बत के जज़्बात मिले ,
जब तोडा दुनिया ने रिश्ता तो माँ की मीठी गोद मिली ,
जब लिखना चाहा तो ग़ालिब के अल्फाज़ मिले ,
तम्मनाओं के उजालों में मंज़र की तलाश बाकी है ,
ज़िन्दगी की इस राह में आगाज़ अभी बाकी है ,
जी रहा हूँ शायद इसीलिए .. कुछ तो अरमान बाकी है ,
अभी आराम कहा ए दोस्तों , बहुत काम अभी बाकी है..|
- बेख़ौफ़
this is wonderful......hope se bhara hua...very nice ashish sir
ReplyDeleteFew very interesting lines in this brilliant piece......ends greatly to justify the title as well as the complete linked meaning in the thought chain...
ReplyDeletehaan haan aapke signature ka autograph banana abhi baaki hai ;):P hehehehe
ReplyDeleteNice lines :)
mast hain bhai..... good ..keep writing :)
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